Monday, January 25, 2016

रुद्राक्ष धारण करने की विधि और पूजा, रुद्राक्ष धारण करने का शुभ मुहूर्त

रुद्राक्ष को धारण करना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है. रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व कुछ शुद्ध पवित्र कर्म किए जाते हैं, जिनके उपरांत रुद्राक्ष अभिमंत्रित हो धारण एवं उपयोग करने योग्य बनता है. सर्वप्रथम रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष, जो भी आप धारण करना चाहते हैं, उसें शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन धारण करें.

रुद्राक्ष को पांच से सात दिनों तक सरसों के तेल में भिगोकर रखना चाहिए तत्पश्चात रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध, जैसी पवित्र वस्तुओं के साथ स्नान कराएं तथा रुद्राक्ष को पंचामृत एवं पंचगव्य से भी स्नान करवाएं और इसके साथ ही “ॐ नमः शिवाय” इस पंचाक्षर मंत्र का जाप करते रहें. शुद्ध करके इस चंदन, बिल्वपत्र, लालपुष्प अर्पित करें तथा धूप, दीप दिखाकर पूजन करके अभिमंत्रित करें.
रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराकर उस पर हवन की भभूति लगाएं, “ॐ तत्पुरुषाय विदमहे महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र: प्रचोदयात ||” द्वारा अभिमंत्रित करके पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके मंत्र जाप करते हुए इसे धारण करें. रुद्राक्ष यदि विशेष रुद्राक्ष मंत्रों से धारण न कर सके तो इस सरल विधि का प्रयोग करके धारण कर सकते हैं. रुद्राक्ष के मनकों को शुद्ध लाल धागे में माला तैयार करने के धारण किया जा सकता है.
रुद्राक्ष धारण करने का शुभ मुहूर्त
रूद्राक्ष को पूर्णिमा जैसे शुभ दिनों में धारण करने पर व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त ग्रहण में, संक्रांति, अमावस्या में धारण किया जाना चाहिए रुद्राक्ष का आधार ब्रह्मा जी हैं इसकी नाभि विष्णु हैं, इसके चेहरे रुद्र है और इसके छिद्र देवताओं के होते हैं. रुद्राक्ष के दिव्य गुणों से जीव दुखों से मुक्ति पा कर सुखमय जीवन जीता है तथा भगवान शिव की कृपा को पाता है.
विशेष सावधानी
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को तामसिक पदार्थों से दूर रहना चाहिए. मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का त्याग करना हितकर होता है. आत्मिक शुद्धता के द्वारा ही रुद्राक्ष के लाभ को प्राप्त किया जा सकता है. रुद्राक्ष मन को पवित्र कर विचारों को पवित्र करता है.
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